दिल्ली-एनसीआर पर स्मॉग की चादर हुई घनी
नई दिल्ली। हवा की चाल थमने और बादल छाए रहने के कारण दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की चादर घनी हो गई है। बुधवार को दिन भर हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर बनी रही। एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर नोएडा रहा। वहीं, दिल्ली समेत एनसीआर के दूसरे शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के आसपास रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बृहस्पतिवार को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर को भी पार कर जाने का अंदेशा जताया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आसमान में हल्के बादल छाए रहने से सूर्य दिन भर आंख मिचौली करता रहा। तापमान कम होने से मिक्सिंग हाइट मानक से करीब 1.5 किमी नीचे आ गई। वहीं, हवा की चाल मानक 10 किमी प्रति घंटे से बहुत नीचे चली गई। दिल्ली में हवा की औसत चाल 4 किमी प्रति घंटे भी नहीं रही। मिक्सिंड हाइट के नीचे गिरने व हवा की चाल थमने से दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को छाई स्मॉग की चादर बुधवार को और घनी हो गई। प्रदूषकों के दूर तक फैल न पाने से प्रदूषण का स्तर 24 घंटे में 31 अंक ऊपर चला गया।
सीपीसीबी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 456 पर पहुंच गया। जबकि एक दिन पहले मंगलवार को 425 पर था। दूसरी तरफ एनसीआर के दूसरे शहरों की हालात भी बेहद खराब रही। नोएडा एनसीआर के शहरों में सबसे प्रदूषित रहा। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 470 रिकार्ड किया गया।
दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक:
गाजियाबाद: 467
नोएडा: 470
ग्रेटर नोएडा: 462
दिल्ली: 456
फरीदाबाद: 446
गुरुग्राम: 447
पराली जलाने के मामले में आई कमी
सफर का कहना है कि बीते 24 घंटे में पराली जलाने के मामले में कमी आई है। इस बीच सिर्फ 480 जगहों पर पराली जलाई गई। इससे पराली के धुएं का दिल्ली के प्रदूषण में हिस्सा घट गया है। बुधवार को यह 22 फीसदी रहा। वहीं, बृहस्पतिवार की इसके 13 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, पंजाब व हरियाणा की तरफ चलने वाली हवाएं पराली के धुएं के साथ दिल्ली पहुंच रही हैं।
अफगानिस्तान की हवाएं उत्तर भारत के मौसम पर डाल रही असर
मौसम विभाग का कहना है कि नए पश्चिमी विक्षोभ से बुधवार को अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवाती हवाएं चल रही हैं। इसका असर अगले दो दिन तक उत्तर भारत की मौसमी दशाओं पर पड़ रहा है। पूर्वानुमान है कि 15 नवंबर से हवा की चाल 20 किमी प्रति घंटा से ऊपर हो सकती है। इससे प्रदूषण छंटने की उम्मीद है। शनिवार को यह दोबारा बहुत खराब स्तर में पहुंचेगा। बृहस्पतिवार को मिक्सिंग हाइट ऊपर जाएगी। इससे दिन में प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। लेकिन शाम ढलने के बाद दोबारा प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होगी। प्रदूषण में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद बृहस्पतिवार को भी इसका स्तर गंभीर पर ही बना रहेगा।
प्रदूषण पर प्रभावी कारक
. बारिश का न होना।
. सतह पर चलने वाली हवा की धीमी चाल
. उत्तर पश्चिम से दिल्ली पहुंचने वाली हवा।
. हवा में मौजूद नमी।
. पराली का धुआं।
मौसम विभाग के मुताबिक, आसमान में हल्के बादल छाए रहने से सूर्य दिन भर आंख मिचौली करता रहा। तापमान कम होने से मिक्सिंग हाइट मानक से करीब 1.5 किमी नीचे आ गई। वहीं, हवा की चाल मानक 10 किमी प्रति घंटे से बहुत नीचे चली गई। दिल्ली में हवा की औसत चाल 4 किमी प्रति घंटे भी नहीं रही। मिक्सिंड हाइट के नीचे गिरने व हवा की चाल थमने से दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को छाई स्मॉग की चादर बुधवार को और घनी हो गई। प्रदूषकों के दूर तक फैल न पाने से प्रदूषण का स्तर 24 घंटे में 31 अंक ऊपर चला गया।
सीपीसीबी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 456 पर पहुंच गया। जबकि एक दिन पहले मंगलवार को 425 पर था। दूसरी तरफ एनसीआर के दूसरे शहरों की हालात भी बेहद खराब रही। नोएडा एनसीआर के शहरों में सबसे प्रदूषित रहा। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 470 रिकार्ड किया गया।
दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक:
गाजियाबाद: 467
नोएडा: 470
ग्रेटर नोएडा: 462
दिल्ली: 456
फरीदाबाद: 446
गुरुग्राम: 447
पराली जलाने के मामले में आई कमी
सफर का कहना है कि बीते 24 घंटे में पराली जलाने के मामले में कमी आई है। इस बीच सिर्फ 480 जगहों पर पराली जलाई गई। इससे पराली के धुएं का दिल्ली के प्रदूषण में हिस्सा घट गया है। बुधवार को यह 22 फीसदी रहा। वहीं, बृहस्पतिवार की इसके 13 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, पंजाब व हरियाणा की तरफ चलने वाली हवाएं पराली के धुएं के साथ दिल्ली पहुंच रही हैं।
अफगानिस्तान की हवाएं उत्तर भारत के मौसम पर डाल रही असर
मौसम विभाग का कहना है कि नए पश्चिमी विक्षोभ से बुधवार को अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवाती हवाएं चल रही हैं। इसका असर अगले दो दिन तक उत्तर भारत की मौसमी दशाओं पर पड़ रहा है। पूर्वानुमान है कि 15 नवंबर से हवा की चाल 20 किमी प्रति घंटा से ऊपर हो सकती है। इससे प्रदूषण छंटने की उम्मीद है। शनिवार को यह दोबारा बहुत खराब स्तर में पहुंचेगा। बृहस्पतिवार को मिक्सिंग हाइट ऊपर जाएगी। इससे दिन में प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। लेकिन शाम ढलने के बाद दोबारा प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होगी। प्रदूषण में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद बृहस्पतिवार को भी इसका स्तर गंभीर पर ही बना रहेगा।
प्रदूषण पर प्रभावी कारक
. बारिश का न होना।
. सतह पर चलने वाली हवा की धीमी चाल
. उत्तर पश्चिम से दिल्ली पहुंचने वाली हवा।
. हवा में मौजूद नमी।
. पराली का धुआं।